हर इंसान के लिए उसका ऑफिस या दफ्तर बेहद महत्वपूर्ण होता है। यह एक ऐसा स्थान होता है जहां वह अपनी जिंदगी का एक बड़ा समय व्यतीत करता है। साथ ही जिन लोगों का अपना बिजनेस होता है उनके लिए तो अपना ऑफिस ही सबकुछ होता है। ऐसे में ऑफिस और दफ्तरों में फेंग शुई और वास्तु (Feng Shui Tips for Shop, Office etc. in Hindi )को अहम महत्व दिया जाता है। पश्चिमी सभ्यता से अधिक करीबी बढ़ाने के कारण अब भारतीय कॉरपोरेट जगत भी फेंग शुई में यकीन करने लगा है जिसकी झलक ऑफिसों में बांस के डिजायनर पौधों और लाफिंग बुद्धा को देखकर मिलती है। अगर आपके ऑफिस या कार्यालय में भी वास्तु दोष है और इसे आप बिना तोड़-फोड़ के ठीक करना चाहते हैं तो यह आसान ऑफिस फेंग शुई टिप्स अपनाइएं:
ऑफिस के लिए फेंग शुई टिप्स (Feng Shui Tips for Office)
वास्तु शास्त्र के अनुसार ऑफिस का प्रवेश द्वार यानि मेन डोर पूर्व या उत्तर दिशा में रखना शुभ माना जाता है।
ऑफिस का रिसेप्शन काउंटर बाईं तरफ और इंतजार करने का स्थान दाहिनी ओर हो तो वास्तु की दृष्टि में यह बहुत अच्छा माना जाता है।
ऑफिस में यदि इंतजार करने या वेटिंग रूम की जगह बनाना कठिन हो तो, आने वाले लोगों के लिए मालिक या अधिकारियों के केबिन के बाहर सौफासेट या कुर्सियों को पूर्व या उत्तर दिशा की दीवार से सटा कर रखा जा सकता है।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक ऑफिस के मालिक और सर्वोच्च व्यक्ति का केबिन दक्षिण या पश्चिम भाग में बनाना उचित माना जाता है। इसके अलावा मालिक की कुर्सी का मुंह पूर्व या उत्तर की ओर और आगन्तुकों का मुंह पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर होना भी अच्छा माना जाता है।
ऑफिस का भंडारघर (पेन्ट्री) या जहां सारा सामान रखा जाता है वह दक्षिण-पूर्व दिशा में बनाना वास्तु की दृष्टि से अच्छा माना जाता है।
ऑफिस का टायलेट उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम दिशा के अलावा अन्य किसी भी दिशा में बनाया जा सकता है।
ऑफिस के एकाउन्टेन्ट या कैशियर को उत्तर की ओर तथा बाहर काम करने वाले सेल्समैन, निरीक्षक को उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बैठाना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक ऑफिस का द्वार किसी अन्य ऑफिस के सामने, कैन्टीन या टेलीफोन बूथ के पास होना शुभ नहीं माना जाता है।